Sunday 3 October 2021

151 - क्या भगवान के यहाँ पर भी दो-दो डायरी होती हैं ?


 
बहुत समय पहले की बात है, एक संत हुआ करते थे। उनकी भक्ति ऐसी थी कि वो अपनी धुन में इतने मस्त हो जाते थे और उनको कुछ होश नहीं रहता था। उनकी अदा और चाल इतनी मस्तानी हो

Saturday 25 September 2021

150 - लोग लड़ाई-झगड़ा क्यों करते हैं ?

एक संत भिक्षा में मिले अन्न से अपना जीवत चला रहे थे। वे रोज अलग-अलग गांवों में जाकर भिक्षा मांगते थे। एक दिन वे गांव के बड़े सेठ के यहां भिक्षा मांगने पहुंचे। सेठ ने संत को थोड़ा अनाज दिया

Sunday 19 September 2021

149 - मौत पल पल हमे क्या चेताती रहती है ?



मौत के लिए हर वक्त तैयार रहना चाहिए. एक वकील के घर चित्रगुप्त का दूत यमराज आया और

Friday 10 September 2021

148 - शब्द-धुन को सुनना क्या होता है ?

 


भजन का मतलब है शब्द-धुन को सुनना, इसे संत-महात्माओं ने शब्द-योग का अभ्यास भी कहा है। यह काम आत्मा करती है या फिर इसे सुरत द्वारा किया जाता है। दिव्य शब्द-धुन को सुरत अथवा

Saturday 4 September 2021

147 - एक राजा ने साधु के ज्ञान का अंदाजा कैसे लगाया ?

किसी राजमहल के द्वारा पर एक साधु आया और द्वारपाल से बोला कि भीतर जाकर राजा से कहे कि उनका भाई आया है।

Saturday 28 August 2021

146 - सुखी और सफल जीवन की कुंजी क्या है ?

मनुष्य मन के संकल्प और विकल्प पानी के बुलबुले की तरह ही एक क्षण में बनते और दूसरे ही क्षण में फूट भी जाने वाले अर्थात् मिट जाने वाले हैं। इसलिए हमारे महापुरुषों ने निर्णय दिया है कि कभी

Sunday 22 August 2021

145 - गुरू के चरणों में अरदास कैसे करते हैं ?

एक गुरू का दास रोज गुरू के द्वार पर जा कर रोज गुरू को पुकारा करता था. लेकिन गुरू के दर्शन नहीं कर पाता था. इसलिए वह हमेशा यही सोच कर चला जाता था कि शायद मेरी भक्ति भाव में कुछ

Saturday 14 August 2021

144 - परमात्मा के साथ मिलाप कैसे हो सकता है ?

एक बादशाह का वजीर बहुत बुद्धिमान और परमार्थी विचारों वाला था। एक दिन बादशाह ने वजीर से पूंछा कि, परमात्मा के साथ मिलाप कैसे हो सकता है ? वज़ीर ने कहा कि, परमात्मा स्वयं कामिल

Sunday 1 August 2021

143 - भजन सिमरन हर रोज एक संघर्ष

दयाबाई सावधान करती हैं कि सतगुरु को मनुष्य-भाव से देखने और समझने की अज्ञानता नहीं करनी चाहिये । सतगुरु के शरीर की ओर नहीं, बल्कि उनके अंदर काम कर रही प्रभु की शक्ति की

Saturday 17 July 2021

142 - परमात्मा तक पहुँचने का सही रास्ता क्या है?

नाम बहुत मुश्किल से कमो भागों वालों को मिलता है इस सत्य को जानो और इसकी संभाल करो. नाम की कमाई करो उनसे पूछ के देखो जिन्हे नाम नहीं मिला कितना तरसते है. नाम लेने के लिए कयोकि जो सतगुरू जी ने हमें

Sunday 27 June 2021

141 - जीवन क्या है ?


एक पवित्र यज्ञ। लेकिन उन्ही के लिए जो सत्य के लिए स्वयं की आहुति देने को तैयार होते है।

Sunday 13 June 2021

140 - जीवन में दुःख हमे परमात्मा से कैसे जोड़ता है ?

एक सूफी फकीर थे, शेख फरीद साहिब। उनकी  प्रार्थना में एक बात हमेशा होती थी – उसके शिष्य उससे पूछने लगे कि यह बात हमारी समझ में नहीं आती, हम भी प्रार्थना करते हैं, औरों को भी हमने

Sunday 6 June 2021

01 - रूहानी संत जीवन परिचय - पूज्य वकील साहिब जी का

  मै बहादुर चंद (वकील) सुपुत्र श्री मनी राम जी बिश्नोई (सिहाग) माता श्रीमती मनोहरी देवी गाँव चौटाला तहसील मंडी डबवाली जिला सिरसा(हरियाणा) का रहने वाला हूँ I मेरा जन्म 10 दिसम्बर 1943 को गाँव चौटाला में हुआ I मुझे बचपन से ही एकांत में रहने का शौक था मेरी उम्र आठ साल

Sunday 30 May 2021

139 - रूह पर किसका हुकम चलता है ?

 


सिमरन सिमरन सब करे,  
सिमरन करे ना कोए।

जो तन मन से सिमरन करे, वो ही सतगुरु का होए।

Saturday 22 May 2021

138 - शब्द का खुलना और शब्द से जुड़ना का क्या मतलब है ?

सिमरन करने वाला मनुष्य खुद को कभी अकेला या असहाय अनुभव नहीं करता क्योकि अब उसके साथ परमात्मा खड़ा होता है। सिमरन बेकार कभी नहीं जाता। सत्य तो केवल यही है कि परमात्मा की

Saturday 17 April 2021

137 - सत्संग की अथवा मालिक की बातें करने का क्या अर्थ है ?

परमात्मा का कोई धमॆ नही होता. मौन के क्षणों मे आप जहां बैठ गए वही तीथॆ बन जाते है. वही परमात्मा नाचने लगता है. मौन होना सीखें, यह मौन ही ध्यान है इसी ध्यान के क्षण मे आप परमात्मा

Saturday 3 April 2021

136 - मालिक हमे दुःख क्या देता है ?

मालिक दुख उसे ही देता है जिसे अपने करीब लाना चाहता है.  प्रभु ये दुःख भी तेरी किरपा है जो मुझे तेरी याद दिलाते है.

Friday 26 March 2021

135 - भजन और भोजन की क्या महत्वता है ?

एक भिखारी सेठ के घर के बाहर खड़ा होकर भजन गा रहा था और बदले में खाने को रोटी मांग रहा था। सेठानी काफी देर से उसको कह रही थी,आ रही हूँ। रोटी हाथ मे थी पर फिर भी कह रही थी की

Saturday 20 March 2021

134 - ईमानदारी से अपनी बारी की प्रतीक्षा करने का फल कैसा होता है ?

एक  बार  स्वर्ग  से  घोषणा हुई  कि  भगवान  सेब  बॉटने आ  रहे  है  सभी  लोग भगवान  के  प्रसाद  के  लिए तैयार  हो  कर  लाइन लगा कर  खड़े  हो  गए।

Friday 5 March 2021

133 - जीवन कितना है ?

एक बार गुरु नानकदेवजी ने बाले और मर्दाने से पूछा था -

 जीवन  कितना  है ?

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