Friday 31 January 2020

085 - संसार को राजी करना क्यों असंभव है ?


एक साधू किसी नदी के पनघट पर गया और पानी पीकर पत्थर पर सिर रखकर सो गया. पनघट पर पनिहारिन आती-जाती रहती हैं तो आईं तो 
एक ने कहा - "आहा! साधु हो गया, फिर भी तकिए का मोह नहीं गया. पत्थर का ही सही, लेकिन रखा तो है।"

Sunday 26 January 2020

084 - चीजें हमेशा वैसी नहीं होतीं, जैसी दिखती हैं ?



सन्तों की अपनी ही मौज होती है! एक संत अपने शिष्य के साथ किसी अजनबी नगर में पहुंचे। रात हो चुकी थी और वे दोनों सिर छुपाने के लिए किसी आसरे की तलाश में थे। उन्होंने एक घर का दरवाजा खटखटाया, वह

Saturday 18 January 2020

083 - गुरु की माहिमा को कोन जान सकता है ?



एक संत के पास 30 सेवक रहते थे ।  एक सेवक ने गुरुजी के आगे अरदास की महाराज जी मेरी बहन की शादी है तो आज एक महीना रह गया है तो मैं दस दिन के लिए वहां जाऊंगा ।  कृपा करें ! आप भी साथ चले तो अच्छी बात है ।  गुरु जी ने कहा बेटा देखो टाइम बताएगा ।  नहीं तो तेरे को तो हम जानें ही देंगे , उस सेवक

Friday 10 January 2020

082 - मालिक की अनुभति का अनुभव कैसे होता है ?



एक भक्त था वह परमात्मा को बहुत मानता था, बड़े प्रेम और भाव से उनकी सेवा किया करता था । एक दिन भगवान से कहने लगा –

मैं आपकी इतनी भक्ति करता हूँ पर आज तक मुझे आपकी अनुभूति नहीं हुई । मैं चाहता हूँ कि आप भले ही मुझे दर्शन ना दे पर ऐसा कुछ कीजिये की मुझे ये अनुभव हो की आप हो ।

Thursday 2 January 2020

रूहानी मार्ग की बातें - परमात्मा की नाराज़गी की सबसे बड़ी निशानी


1. परमात्मा जब किसी से नाराज़ होता है तो वह उसका रिज्क नहीं बन्द करता और न ही जीव को कोई दुख देता है और न ही सूर्य को आज्ञा देता है कि इसके आंगन को रोशनी नहीं देना बल्कि परमात्मा जब किसी से नाराज़

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