एक गुरू का दास रोज गुरू के द्वार पर जा कर रोज गुरू को पुकारा करता था. लेकिन गुरू के दर्शन नहीं कर पाता था. इसलिए वह हमेशा यही सोच कर चला जाता था कि शायद मेरी भक्ति भाव में कुछ
गुरुबॉक्स चैनल महान संतों और उनकी शिक्षाओं को समर्पित है। गुरुबॉक्स का लक्ष्य लोगों को अधिक भजन और सिमरन/ध्यान के लिए प्रेरित करना है।
Sunday 22 August 2021
Saturday 14 August 2021
144 - परमात्मा के साथ मिलाप कैसे हो सकता है ?
एक बादशाह का वजीर बहुत बुद्धिमान और परमार्थी विचारों वाला था। एक दिन बादशाह ने वजीर से पूंछा कि, परमात्मा के साथ मिलाप कैसे हो सकता है ? वज़ीर ने कहा कि, परमात्मा स्वयं कामिल
Sunday 1 August 2021
143 - भजन सिमरन हर रोज एक संघर्ष
दयाबाई सावधान करती हैं कि सतगुरु को मनुष्य-भाव से देखने और समझने की अज्ञानता नहीं करनी चाहिये । सतगुरु के शरीर की ओर नहीं, बल्कि उनके अंदर काम कर रही प्रभु की शक्ति की
Saturday 17 July 2021
142 - परमात्मा तक पहुँचने का सही रास्ता क्या है?
नाम बहुत मुश्किल से कमो भागों वालों को मिलता है इस सत्य को जानो और इसकी संभाल करो. नाम की कमाई करो उनसे पूछ के देखो जिन्हे नाम नहीं मिला कितना तरसते है. नाम लेने के लिए कयोकि जो सतगुरू जी ने हमें
Sunday 27 June 2021
Sunday 13 June 2021
140 - जीवन में दुःख हमे परमात्मा से कैसे जोड़ता है ?
एक सूफी फकीर थे, शेख फरीद साहिब। उनकी प्रार्थना में एक बात हमेशा होती थी – उसके शिष्य उससे पूछने लगे कि यह बात हमारी समझ में नहीं आती, हम भी प्रार्थना करते हैं, औरों को भी हमने
Sunday 6 June 2021
01 - रूहानी संत जीवन परिचय - पूज्य वकील साहिब जी का
मै बहादुर चंद (वकील) सुपुत्र श्री मनी राम जी बिश्नोई (सिहाग) माता श्रीमती मनोहरी देवी गाँव चौटाला तहसील मंडी डबवाली जिला सिरसा(हरियाणा) का रहने वाला हूँ I मेरा जन्म 10 दिसम्बर 1943 को गाँव चौटाला में हुआ I मुझे बचपन से ही एकांत में रहने का शौक था मेरी उम्र आठ साल
Sunday 30 May 2021
Saturday 22 May 2021
138 - शब्द का खुलना और शब्द से जुड़ना का क्या मतलब है ?
सिमरन करने वाला मनुष्य खुद को कभी अकेला या असहाय अनुभव नहीं करता क्योकि अब उसके साथ परमात्मा खड़ा होता है। सिमरन बेकार कभी नहीं जाता। सत्य तो केवल यही है कि परमात्मा की
Saturday 17 April 2021
137 - सत्संग की अथवा मालिक की बातें करने का क्या अर्थ है ?
परमात्मा का कोई धमॆ नही होता. मौन के क्षणों मे आप जहां बैठ गए वही तीथॆ बन जाते है. वही परमात्मा नाचने लगता है. मौन होना सीखें, यह मौन ही ध्यान है इसी ध्यान के क्षण मे आप परमात्मा
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Qus→ जीवन का उद्देश्य क्या है ? Ans→ जीवन का उद्देश्य उसी चेतना को जानना है – जो जन्म और मरण के बन्धन से मुक्त है। उसे जानना ही मोक्ष ह...
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मै बहादुर चंद (वकील) सुपुत्र श्री मनी राम जी बिश्नोई (सिहाग) माता श्रीमती मनोहरी देवी गाँव चौटाला तहसील मंडी डबवाली जिला सिरसा(ह...
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सत्संग तो वो दर्पण है जो मनुष्य के चरित्र को दिखाता है मनुष्य के जीवन मे अशांति ,परेशानियां तब शुरु हो जाती है जब मनुष्य के जीवन मे ...
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एक आदमी के घर भगवान और गुरु दोनो पहुंच गये। वह बाहर आया और चरणों में गिरने लगा। वह भगवान के चरणों में गिरा तो भगवान बोले – रुको रुको पह...
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एक बार किसी ने कबीर जी से पूछा किसको भज रहे हो जी? कबीर जी ने कहा " राम जी को" फिर उसने पूछा "कौन से राम जी को ?
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लाहौर में लाहौरी और शाहआलमी दरवाजों के बाहर कभी एक बाग़ था। वहाँ एक फ़क़ीर था। उसके दोनों बाज़ू नहीं थे। उस बाग़ में मच्छर भी बहु...
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किसी व्यक्ति को बहुत जोरो की प्यास लगी हो वह प्यास के मारे तड़प रहा हो उसे पानी न मिल रहा हो अन्य तमाम प्रकार के पेय पदार्थ उसे पिलाये जा...
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1. जो व्यक्ति लगातार अंदर सिमरन - अभ्यास करते रहने की आदत डाल लेता है , उसे बड़ा सुकून मिलता है और उसे लगातार सिमरन कर...
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किसी गाँव में एक ताले की दुकान थी, ताले वाला रोजाना अनेकों ताले तोडा करता और अनेकों चाबियाँ भी बनाया करता था।ताले वाले की दुकान में एक बच्चा...
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एक फकीर अरब मे हज के लिए पैदल निकला। रात हो जाने पर एक गांव मे शाकिर नामक व्यक्ति के दरवाजे पर रूका। शाकिर ने फकीर की खूब सेवा किया।...