एक बार गुरु नानकदेवजी ने बाले और मर्दाने से पूछा था -
जीवन कितना है ?
गुरुबॉक्स चैनल महान संतों और उनकी शिक्षाओं को समर्पित है। गुरुबॉक्स का लक्ष्य लोगों को अधिक भजन और सिमरन/ध्यान के लिए प्रेरित करना है।
कभी रात को नींद खुल जाए तो, बिस्तर पर पड़े हुए नींद न आने के लिए परेशान न होंए, इस सुनहरे मौके को मत गँवाओ, यह तो बड़ी शुभ घड़ी है। सारा जगत सोया है, पत्नी/पति,बच्चे सब सोए हैं,
संत मलूकदास जी चेतावनी देते हैं कि अज्ञानी लोग इंद्रियों के भोगों को सच्चे सुख का साधन समझने के भ्रम का शिकार है । ये सुख क्षणभंगुर है और जीव की शक्ति को नाश करने का कारण बन जाते
एक बार 'नाम' का बीज सत्संगी को मिल जाता है, तो वह अवश्य अंकुरित होगा. अगर सत्संगी को नाम मिला हुआ हो, और भजन सुमिरन नहीं करता है, तो मालिक उसे दूसरा जन्म देंगे, और अगले
दुनिया की शक्लों और पदार्थों से कौन प्यार किए बैठा है वह हमारा मन है। इसलिए अगर आत्मा और परमात्मा के दरमियान कोई रुकावट और पर्दा है तो वह केवल हमारे मन का पर्दा है।
मालिक हमसे ज्यादा दूर नहीं जितना हम समझ कर बैठे है। मालिक तो हमेशा हमारे साथ ही है लेकिन हम उसे नहीं देख पाते लेकिन मालिक हमें चौबीस घंटे देख रहा हैं