Sunday 29 November 2020

122 - एक छोटे से बच्चे ने राजा को ज्ञान की बात समझाई ?

एक बार एक राजा नगर भ्रमण को गया, तो रास्ते में क्या देखता है कि एक छोटा सा बच्चा माटी के खिलौनों के कान में कुछ कहता है और फिर उन्हें तोड़कर माटी में मिला देता है।

Sunday 22 November 2020

121 - एक सत्संगी के जीवन में प्रतीक्षा, परीक्षा और समीक्षा का क्या महत्व है ?

                                              

तीन बातें भक्त के जीवन में जरूर होनी चाहिएं ,  प्रतीक्षा, परीक्षा और समीक्षा। भक्ति के मार्ग में प्रतीक्षा बहुत

Friday 13 November 2020

120 - प्रारब्ध कितने तरह के होते है ?


 
एक व्यक्ति हमेशा ईश्वर के नाम का जाप किया करता था । धीरे धीरे वह काफी बुजुर्ग हो चला था इसीलिए एक कमरे मे ही पड़ा रहता था । जब भी

Monday 9 November 2020

119 - मालिक की याद कब आती है ?


  • पापी को मृत्यु के समय 
  • धर्मात्मा को हर समय

Saturday 31 October 2020

118 - सतगुरु पर विश्वास की ताकत क्या होती है ?

जब गुरु नानक देव जी किशोर अवस्था के थे, उन्हें उनके पिता ने फसलों की देखरेख के लिए खेत भेजा. वे खेत में जाकर प्रकृति के सौन्दर्य और गुरु ध्यान में लीन हो गए।

Monday 26 October 2020

117 - एक सत्संगी का अंत समय कैसे होता है ?



परम संत सावन शाह महाराज जी ने समझाया है कि जो लोग जीते जी भजन सुमिरन करके पर्दा खोल लेते हैं , उनको 6 महीने पहले अपनी मौत की खबर हो जाती है और जो मामूली कमाई वाले हैं उनको सतगुरु 2 या 3 दिन पहले आकर बता देते हैं कि तुमको फलां वक्त ले चलेंगे ।

Monday 19 October 2020

116 - आत्मा और परमात्मा में क्या अंतर है ?

आत्मा और परमात्मा में अंतर जानने से पहले हम उन के मूल स्वरुप को देखे और प्रकति क्या है ।

(1) इश्वर अज्ञात है - अगर हम कोई भी चीज जानते है तो उस का आकार निर्धारित हो जाता है .जिसका आकार है वो न तो निराकार है और न ही अनन्त .

Saturday 10 October 2020

115 - नाम की कमाई का क्या महत्व है ?

एक गांव में एक नौजवान को परम संत तुलसी साहब का सत्संग सुनने का बड़ा शौक था . नौजवान को किसी से पता चला कि गांव के बाहर नदी के उस पार परम संत ने डेरा लगाया हुआ है और आज

Saturday 3 October 2020

114 - मोन रहने की क्या महत्ता है ?

  एक मछलीमार कांटा डाले तालाब के किनारे बैठा था। काफी समय बाद भी कोई मछली कांटे में नहीं फँसी, ना ही कोई हलचल हुई तो वह सोचने लगा. 

Friday 25 September 2020

113 - हमे दुःख और तख़लीफ़ क्यों आते हैं ?

गुरु का सच्चा सिमरन करने से आहिस्ता-आहिस्ता हमारे अंदर इतनी सहनशीलता आ जाती है की हम बिना संतुलन खोए जीवन में आनेवाले

Sunday 20 September 2020

112 - पक्के साधक कैसे बने ?

एक बार एक गुरूजी, अपने शिष्यों को भक्ति का उपदेश देते हुए समझा रहे थे कि  "बच्चों पक्के साधक बनो, कच्चे साधक ना बने रहो।

Saturday 12 September 2020

111 - सत्संग की तडप या बेचैनी क्यां होती है ?

 

आज कल सभी के मन में एक ही प्रश्न - संगत कब शुरू होगी? जो भी मिल रहा है यही कहता है की संगत के बगैर बहुत बेचैनी हो रही है। मन नहीं लग रहा है। अजीब सी बैचैनी है जो पहले कभी नहीं

Saturday 5 September 2020

110 - परमात्मा के साथ मिलाप कैसे हो सकता है ?

 एक बादशाह का वजीर बहुत बुद्धिमान और परमार्थी विचारों वाला था। एक दिन बादशाह ने वजीर से पूंछा कि, परमात्मा के साथ मिलाप कैसे हो सकता है ? वज़ीर ने कहा कि, परमात्मा स्वयं

Saturday 29 August 2020

109 - निंदा करने का फल कैसे मिलता है ?


 एक बार की बात है की किसी राजा ने यह फैसला लिया के वह प्रतिदिन 100 अंधे लोगों को खीर खिलाया करेगा। एक दिन खीर वाले दूध में सांप ने मुंह डाला और दूध में विष डाल दी और ज़हरीली खीर को खाकर 100 के 100 अंधे व्यक्ति मर गए।

Friday 21 August 2020

रूहानी मार्ग की बातें - क्या तुम सचखंड जाना चाहते हो ?

 

महात्मा बुध किसी गांव में 30 साल से सत्संग कर रहे थे,  एक आदमी ने महात्मा बुध से सवाल किया कि आप इतने सालो में कितने आदमियों को सचखंड पहुंचा दिया है और सत्य का मिलन करवा दिया है .

Friday 14 August 2020

108 - काल ने एक सत्संगी कैसे सत्संग में पहुँचाया ?

 एक शख्स सुबह सवेरे उठा साफ़ कपड़े पहने और सत्संग घर की तरफ चल दिया ताकि सतसंग का आनंद प्राप्त कर सके,चलते चलते रास्ते में ठोकर खाकर गिर पड़ा, कपड़े कीचड़ से सन गए वापस घर आया.

Saturday 8 August 2020

107 - क्या सुख-दुख हमारे कर्मो का फल है ?

हम कौन होते हैं मालिक के काम में दखल अंदाज़ी करने वाले जो कुछ हो रहा है, उस मालिक की मर्ज़ी से ही तो हो रहा है. इसलिये कभी जीवन में दुःख भी आ जायें तो चिन्ता नहीं करनी चाहिये क्योंकि उसकी गत वो ही जाने,

Friday 31 July 2020

106 - साधु के संगति का असर क्या होता है ?

एक चोर राजमहल में चोरी करने गया, उसने राजा-रानी की बातें सुनी । राजा रानी से कह रहे थे कि गंगा तट पर बहुत साधु ठहरे हैं, उनमें से किसी एक को चुनकर अपनी कन्या का विवाह कर देंगें । यह सुनकर चोर साधु का रुप धारण

Monday 27 July 2020

105 - संसार किसी के लिए भी नही रुकता

एक घर के मुखिया को यह अभिमान हो गया कि उसके बिना उसके परिवार का काम नहीं चल सकता। उसकी छोटी सी दुकान थी। उससे जो आय होती थी, उसी से उसके परिवार का गुजारा चलता था। चूंकि कमाने वाला वह अकेला ही था इसलिए उसे लगता था कि उसके बगैर कुछ नहीं हो सकता। वह लोगों के सामने डींग हांका करता था।

Saturday 18 July 2020

104 - संत वचन हमेशा सच होते हैं.

एक संत के पास 30 सेवक रहते थे एक सेवक ने गुरुजी के आगे अरदास की महाराज जी मेरी बहन की शादी है तो आज एक महीना रह गया है तो मैं दस दिन के लिए वहां जाऊंगा कृपा करें आप भी साथ चले तो अच्छी बात है
गुरु जी ने कहा बेटा देखो समय बताएगा नहीं तो तेरे को तो हम जानें ही देंगे। उस सेवक ने बीच-बीच में इशारा

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