Sunday 27 June 2021

141 - जीवन क्या है ?


एक पवित्र यज्ञ। लेकिन उन्ही के लिए जो सत्य के लिए स्वयं की आहुति देने को तैयार होते है।

Sunday 13 June 2021

140 - जीवन में दुःख हमे परमात्मा से कैसे जोड़ता है ?

एक सूफी फकीर थे, शेख फरीद साहिब। उनकी  प्रार्थना में एक बात हमेशा होती थी – उसके शिष्य उससे पूछने लगे कि यह बात हमारी समझ में नहीं आती, हम भी प्रार्थना करते हैं, औरों को भी हमने

Sunday 6 June 2021

01 - रूहानी संत जीवन परिचय - पूज्य वकील साहिब जी का

  मै बहादुर चंद (वकील) सुपुत्र श्री मनी राम जी बिश्नोई (सिहाग) माता श्रीमती मनोहरी देवी गाँव चौटाला तहसील मंडी डबवाली जिला सिरसा(हरियाणा) का रहने वाला हूँ I मेरा जन्म 10 दिसम्बर 1943 को गाँव चौटाला में हुआ I मुझे बचपन से ही एकांत में रहने का शौक था मेरी उम्र आठ साल

Sunday 30 May 2021

139 - रूह पर किसका हुकम चलता है ?

 


सिमरन सिमरन सब करे,  
सिमरन करे ना कोए।

जो तन मन से सिमरन करे, वो ही सतगुरु का होए।

Saturday 22 May 2021

138 - शब्द का खुलना और शब्द से जुड़ना का क्या मतलब है ?

सिमरन करने वाला मनुष्य खुद को कभी अकेला या असहाय अनुभव नहीं करता क्योकि अब उसके साथ परमात्मा खड़ा होता है। सिमरन बेकार कभी नहीं जाता। सत्य तो केवल यही है कि परमात्मा की

Saturday 17 April 2021

137 - सत्संग की अथवा मालिक की बातें करने का क्या अर्थ है ?

परमात्मा का कोई धमॆ नही होता. मौन के क्षणों मे आप जहां बैठ गए वही तीथॆ बन जाते है. वही परमात्मा नाचने लगता है. मौन होना सीखें, यह मौन ही ध्यान है इसी ध्यान के क्षण मे आप परमात्मा

Saturday 3 April 2021

136 - मालिक हमे दुःख क्या देता है ?

मालिक दुख उसे ही देता है जिसे अपने करीब लाना चाहता है.  प्रभु ये दुःख भी तेरी किरपा है जो मुझे तेरी याद दिलाते है.

Friday 26 March 2021

135 - भजन और भोजन की क्या महत्वता है ?

एक भिखारी सेठ के घर के बाहर खड़ा होकर भजन गा रहा था और बदले में खाने को रोटी मांग रहा था। सेठानी काफी देर से उसको कह रही थी,आ रही हूँ। रोटी हाथ मे थी पर फिर भी कह रही थी की

Saturday 20 March 2021

134 - ईमानदारी से अपनी बारी की प्रतीक्षा करने का फल कैसा होता है ?

एक  बार  स्वर्ग  से  घोषणा हुई  कि  भगवान  सेब  बॉटने आ  रहे  है  सभी  लोग भगवान  के  प्रसाद  के  लिए तैयार  हो  कर  लाइन लगा कर  खड़े  हो  गए।

Friday 5 March 2021

133 - जीवन कितना है ?

एक बार गुरु नानकदेवजी ने बाले और मर्दाने से पूछा था -

 जीवन  कितना  है ?

Saturday 27 February 2021

132 - सिमरन और ध्यान कैसे करना चाहिए ?

 कभी रात को नींद खुल जाए तो, बिस्तर पर पड़े हुए नींद न आने के लिए परेशान न होंए, इस सुनहरे मौके को मत गँवाओ, यह तो बड़ी शुभ घड़ी है। सारा जगत सोया है, पत्नी/पति,बच्चे सब सोए हैं,

Sunday 21 February 2021

131 - जीव मन को वश में क्यों नहीं करता ?

संत मलूकदास जी चेतावनी देते हैं कि अज्ञानी लोग इंद्रियों के भोगों को सच्चे सुख का साधन समझने के भ्रम का शिकार है । ये सुख क्षणभंगुर है और जीव की शक्ति को नाश करने का कारण बन जाते

Sunday 14 February 2021

130 - सेवा भाव से की गयी गलती की क्या सजा होती है ?

 एक बार एक राजा भोजन कर रहा था, अचानक खाना परोस रहे सेवक के हाथ से थोड़ी सी सब्जी राजा के कपड़ों पर छलक गई। राजा की त्यौरियां चढ़ गयीं। 

Thursday 4 February 2021

129 - भजन सिमरन के बिना मुक्ति क्यों नहीं होती ?

एक बार 'नाम' का बीज सत्संगी को मिल जाता है, तो वह अवश्य अंकुरित होगा. अगर सत्संगी को नाम मिला हुआ हो, और भजन सुमिरन नहीं करता है, तो मालिक उसे दूसरा जन्म देंगे, और अगले

Friday 15 January 2021

128 - भजन सिमरन में बैठने का सही तरीका क्या है ?

 जब मालिक के भजन सिमरन में बैठते है तो हमे अपनी पूरी सुरति उनके दिव्य दर्शन पर केंद्रित करनी चाहिए । हम भजन में बैठे कर, करबद्ध हो कर मालिक का नैन मूँद कर आवाहन करते है और वह आ

Monday 4 January 2021

127 - सत्संगी के नए साल का क्या संकल्प होना चाहिए ?

बाहर वाले गुरु देखे , अब अपने अन्दर वाला सच्चा गुरु भी देख। 

Friday 25 December 2020

126 - मन को वश में करने का क्या मतलब है ?

दुनिया की  शक्लों और पदार्थों से कौन प्यार किए बैठा है वह हमारा मन है। इसलिए अगर आत्मा और परमात्मा के दरमियान कोई रुकावट और पर्दा है तो वह केवल हमारे मन का पर्दा है।

Saturday 19 December 2020

125 - सच्चा तीर्थ क्या होता है ?

बात बहुत पुरानी है. तब तीर्थ यात्रा आज की तरह वैचारिक न हो कर भावनात्मक हुआ करती थी पर कठिन भी बहुत होती थी. तब आज की तरह साधन तो थे नहीं. यात्रा पैदल या बैल गाड़ी से ही होती थी.

Tuesday 15 December 2020

124 - मन में निम्रता कैसे आयेगी ?

मालिक  हमसे  ज्यादा  दूर  नहीं  जितना  हम  समझ  कर  बैठे  है।  मालिक  तो  हमेशा  हमारे  साथ  ही  है  लेकिन  हम  उसे  नहीं  देख  पाते  लेकिन  मालिक  हमें  चौबीस  घंटे  देख  रहा  हैं 

Sunday 6 December 2020

123 - काल मन को कैसे जाल में फसाता है ?

एक सत्संग कर्ता ने काल और दयाल के बारे में समझाया, आखरी वाली लाइन बड़ी सुन्दर थी। जब रूह सत्संग में जाने लगती है, भजन सिमरन पर जोर देने लगती है नाम की कमाई करने लग जाती है तब

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