Thursday 27 June 2019

061 - सोचो कि यह शरीर मिला किस लिए है ?

     
लाहौर में लाहौरी और शाहआलमी दरवाजों के बाहर कभी एक बाग़ था। वहाँ एक फ़क़ीर था। उसके दोनों बाज़ू नहीं थे। उस बाग़ में मच्छर भी बहुत होते थे। मैंने कई बार  देखा उस फ़क़ीर को। आवाज़

Thursday 20 June 2019

060 - रुह को अन्दर जानें में कोनसी रुकावट है ?


"कर नैनों दीदार महल में  प्यारा है."
इस शब्द के द्वारा कबीर साहब नें अन्दर का भेद जितना खोला है उतना किसी भी संत ने नहीं खोला. इस पर सतसंग करते हुये महIराज सावन सिंह जी फर्माते हैं  - 

Thursday 13 June 2019

059 - एक सत्संगी को कुत्ते से क्या सीखना चाहिए ?



कुत्ते में 10 ऐसी बातें पाई जाती हैं जो इंसान में कम पाई जाती हैं इसलिए कुत्ता उस इंसान से हजार गुना अच्छा है जिसमें यह 10 बातें नहीं पाई जाती.

1. कुत्ता भूखा रहता है और भूखा रहना बजनी व्यक्ति का लक्षण है.

Thursday 6 June 2019

058 - कभी सोचा है कि हमें किस किस चीज़ का हिसाब देना पड़ेगा ?

एक मुल्क का बादशाह बीमार हो गया, जब बादशाह ने देखा के उसके बचने की कोई उम्मीद नहीं तो उसने अपने मुल्क में ऐलान करवा दिया कि वो अपनी बादशाहत उस के नाम कर देगा जो उसके मरने के बाद

Saturday 25 May 2019

रूहानी मार्ग की बातें - सारी परेशानियां खत्म हो जाएंगी

1. जो परमात्मा से जुड़े होते है, उन्हें ना तो ज़मीन जायदाद का और ना रिश्तों के छूटने का डर होता है I उन्हें तो वस एक परमात्मा सेे जुड़े रहने का नशा होता है .

Saturday 18 May 2019

057 - संत कर्म-बंधन कैसे काटते हैं ?

एक बार दशम पातशाही श्री गुरु गोबिन्द सिंह जी का दरबार सजा हुआ था। कर्म-फल के प्रसंग पर पावन वचन हो रहे थे कि जिसकी जो प्रारब्ध है उसे वही प्राप्त होता है कम या अधिक किसी को प्राप्त नहीं होता क्योंकि अपने किये हुये कर्मों का फल जीव को भुगतना ही पड़ता है।

Wednesday 8 May 2019

056 - सबके कर्म और भाग्य अलग अलग क्यों ?

एक बार एक राजा ने विद्वान ज्योतिषियों और ज्योतिष प्रेमियों की सभा बुलाकर प्रश्न किया कि - मेरी जन्म पत्रिका के अनुसार मेरा राजा बनने का योग था मैं राजा बना , किन्तु उसी घड़ी मुहूर्त में अनेक जातकों ने जन्म लिया होगा जो राजा नहीं बन सके क्यों ? इसका क्या कारण है ?

Friday 26 April 2019

055 - आत्मा की खुराक क्या है ?

किसी व्यक्ति को बहुत जोरो की प्यास लगी हो वह प्यास के मारे तड़प रहा हो उसे पानी न मिल रहा हो अन्य तमाम प्रकार के पेय पदार्थ उसे पिलाये जाये तो उसकी प्यास पूर्ण रूप  से समाप्त नही होगी । थोड़ी देर बाद वह फिर प्यास से तड़पने लगता है  जब कोई व्यक्ति कही से पानी लाकर उसे पिला देता है तो उसकी प्यास

Sunday 14 April 2019

054 - दुनिया में किसी के बिना किसी का काम नहीं रुकता ?


एक घर के मुखिया को यह अभिमान हो गया कि उसके बिना उसके परिवार का काम नहीं चल सकता उसकी छोटी सी दुकान थी । उससे जो आय होती थी, उसी से उसके परिवार का गुजारा चलता था चूंकि कमाने वाला

Thursday 4 April 2019

रूहानी मार्ग की बातें - जो करेगा, वो भरेगा

1. जो करेगा, वो भरेगा  - "कोई लाख अपने गुनाह छिपाये। उस रब  से कुछ नहीं छिपा सकते। जब उसकी मार पड़ती है तब अच्छे-अच्छों की अक्ल ठिकाने लग जाती है। तब उसे अपने गुनाह याद आने लग जाते हैं कि, मैंने किस के साथ क्या किया। इसलिए हमेशा एक बात याद रखिए -"जो करेगा, वो भरेगा। " हम सब उस

Monday 1 April 2019

053 - पाप कहाँ कहाँ तक जाता है ?



एक बार एक ऋषि ने सोचा कि लोग गंगा में पाप धोने जाते है, तो इसका मतलब हुआ कि सारे पाप गंगा में समा गए और गंगा भी पापी हो गयी .

Thursday 14 March 2019

052 - परमात्मा की प्राप्ति कैसे होती है ?

        
एक राजा था। वह बहुत न्याय प्रिय तथा प्रजा वत्सल एवं धार्मिक स्वभाव का था। वह नित्य अपने इष्ट देव को बडी श्रद्धा से पूजा-पाठ ओर याद करता था। एक दिन इष्ट देव ने प्रसन्न होकर उसे दर्शन दिये तथा कहा---"राजन् मैं तुमसे बहुत प्रसन्न हूं | बोलो तुम्हारी  कोई इचछा है ?"

Monday 4 March 2019

051 - हमारे वर्तमान जीवन के अस्तित्व का आधार क्या है ?


 हमारे जीवन का आधार हमारी मन ,इंद्रियां या शरीर नही बल्कि आत्मा है । जो कि अमर अविनाशी अजन्मा है । हमारी आत्मा बिल्कुल परमात्मा की तरह ही ज्ञान ,शक्ति एवम आनंद रूप मानी जाती है । जिसे न आग जला सकती है, न पानी या अन्य चीजों से नष्ट हो सकती है । यह तो हुआ आत्मा का संक्षिप्त परिचय

Thursday 21 February 2019

050 - एक सचे सत्संगी के सामने राजा को क्यों झुँकना पड़ा ?


गुरु अर्जुन साहेब जी महाराज का एक सिख था. जिसका नाम था भाई माधो दास. भाई माधो दास लाहौर में रहते थे और बड़े सत्संगी थे. सतसंगत से इन्हें इतना प्रेम था कि ये सतसंग की कहीं भी सूचना मिले तो ये सब

Thursday 14 February 2019

रूहानी मार्ग की बातें - 'शब्द की कमाई' से ही मिलना है।

1. देह तो दुःख सुख का घर है, इसमे तो दोनों ही जरुर आयेंगे, सो इसे अच्छा मान के भुगत ले। जो कई वर्षो का दुःख होता है, वह सत्संगी को थोड़े दिनों में ही भुगताया जाता है, सो किसी बात की चिंता न करना.

Saturday 9 February 2019

049 - एक भूले भटके जीव को कबीर जी ने कैसे सही रास्ता दिखाया ?

एक बार बरसात के मौसम मेँ अचानक साधु महात्मा कबीर साहब के घर पर आ गए . बरखा के कारण कबीर साहब दो दिन से कपड़ा बेचने बाजार मेँ नहीँ जा पाए थे. घर मेँ खाने का प्रबंध पूरा नहीँ था.

Thursday 31 January 2019

048 - सचखंड जाने के कितने विक्लप है ?

कबीर साहेब मर्तलोक से सचखंड जाने के इस क्रम को चार भागों में भांटते है।

1. चींटी चाल -- कबीर साहेब कहते है के इस अभ्यास में सबसे पहले जीव की हालत चींटी जैसी होती है जिस तरह चींटी दीवार पर चढ़ती है गिर जाती है फिर चढ़ती है फिर गिर जाती है।।शुरू शुरू में इस अभ्यास में प्रेम औऱ विश्वास से काम लेना पड़ता है।

Thursday 24 January 2019

047 - गुरू कौन है ?

मैने एक आदमी से पूछा कि गुरू कौन है ! वो सेब खा रहा था,उसने एक सेब मेरे हाथ मैं देकर मुझसे पूछा इसमें कितने बीज हें बता सकते हो ? 

Thursday 17 January 2019

046 - सतगुरु ने नामदेव जी की लाज कसे रखी ?

     
 नामदेव जी एक पूर्ण संत हुए हैं। उनके गुरु ने उन्हें नाम की दौलत दी जो संसार में सबसे अमूल्य वस्तु है। नामदेव के घरवाले सभी सांसारिक लोग थे इसलिए आप इस आंतरिक भेद को उन से छिपाकर रखते थे।

Thursday 10 January 2019

रूहानी मार्ग की बातें - गुरु के शबद रूपी झाड़ू


1. संतमत में आप कभी नहीं हारते, आपकी हमेशा जीत होती है। आपकी कभी हार नहीं होती। महाराज जी (महाराज सावन सिंह) कहा करते थे की अगर आप मेरे पास अपनी कामयाबी लेकर नहीं आ सकते, तो कम से

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