Friday, 6 June 2025

188 - अपनी सुरत को अंदर एकाग्र करने की रेहमत कैसे प्राप्त करें ?

 


  • प्रेम एक ऐसा जज्बा है, जिसका नमूना लिखने में नहीं आ सकता, सत्संगी हो या गैर-सत्संगी, बिना प्रेम के दोनों अंधे हैं। सत्संगी उसका नाम है, जो प्रेम वाली आँख पैदा करे। प्रभु-परमात्मा के मार्ग में अपनी जान कुर्बान करे,

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