पहला - किसी जीव को पिछले जन्म की खबर न हो। क्योंकि यदि हमको यह मालूम हो जाये
कि कौन से पाप कर्मों की सज़ा हम भोग रहे हैं तो स्वाभाविक ही हम उन कर्मों को दोबारा नहीं करेंगे।दूसरा - जिस हालत में कोई आत्मा रहे उसी में संतुष्ट रहे। हर एक जीव अपनी-अपनी योनि में खुश है। बेशक वह कितनी ही गन्दी क्यों न हो फिर भी मरना नहीं चाहता। एक बूढ़े बीमार को ही लीजिए जो अति दुःखी और तंग है, कोई उसकी संभाल नहीं करता, फिर भी वह मरना नहीं चाहता।
तीसरा - संत फकीर जो सतपुरुष भेजे वे जीवों को करामात दिखाकर प्रभावित न करें और ज़बरदस्ती नाम न दे। यदि संत फकीर करामात दिखाएं तो सारी दुनियां उनके पीछे दौड़ने लगेगी क्योंकि संतों को हर तरह की शक्ति प्राप्त होती ह। किसी मुर्दे को ज़िन्दा कर दें, लूले को पहाड़ पर चढ़ा दें या आसमान में उड़ा दें परन्तु यह उनका कर्त्तव्य नहीं है । फिर भी उनके सत्संगी अंदरूनी तौर पर असाधारण शक्तियाँ देखते रहते हैं ।
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