Friday 16 August 2019

रूहानी मार्ग की बातें - भजन सिमरन करते रहने से ...

1. हम एक दूसरे के साथ कर्मों की डोरी से बँधे हुए हैं, हम अपने कर्मों के लेन-देन का हिसाब पूरा करने के लिए ही यहां आते हैं। संसार में कोई माँ-बाप और औलाद बनकर आ जाता है, कोई यार-दोस्त और रिश्तेदार बनकर आ जाता है। लेकिन जैसे-जैसे इस जन्म में प्रारब्ध कर्मों का का हिसाब-किताब ख़त्म हो जाता है, हम
एक-दूसरे से अलग होकर अपने-अपने रास्ते पर चल देते हैं। यह दुनिया एक सराय की तरह है, जहां सब मुसाफ़िर रात-भर के लिए इकट्ठे होते हैं और सुबह होते ही अपनी अपनी राह चल देते हैं। यों भी कह सकते हैं कि हम पंछियों की तरह हैं, जो सांझ होने पर पेड़ पर आ बैठते हैं और सूरज की पहली किरण के आते ही, अपनी-अपनी राह उड़ जाते हैं ।

2. संतो के उपदेश का सार यह है की हमे आगे के लिये मनमजी॔ के कमो॔ से बचकर रहना है और अपने पिछले जन्‍मों के कमो॔ को नाम की कमाई द्वारा नाश करना है ताकि जन्‍म-मरण के चक्कर से मुक्‍त होकर परमात्मा से मिलाप का सौभाग्य प्राप्‍त हो सके.

3. जिनको परमेश्‍वर ने अपनी इच्छा से रचना के मोह में फँसाया हुआ है वे सदा इसी मोह में फँसे रहते है परमेश्‍वर की रज़ा और उसकी दया एक ही सिक्‍के के दो पहलू है परमेश्‍वर की दया का आधार भी उसकी रज़ा या मौज है रज़ा के बिना दया नही होती और दया के बिना जीव  रचना के मोह से मुक्‍त होकर रचयिता और उसके नाम के प्रेम द्वारा रचयिता से मिलाप नही कर सकता.

4. प्रभु स्वयं ही गुरु है सच्चे अमृत का दाता है और स्‍वयं ही गुरु द्वारा शिष्‍यों को सच्चा अमृत  पिलाता है वह प्रभु गुरु के रुप में खुद ही जीवात्‍मा को नाम रुपी अमृत की दात बख्‍शता है और अपनी दया-मेहर द्वारा जीव को सच्चा अमृत पिलाकर अमर जीवन का अधिकारी बना देता है जो कुछ करता है वही एक दयालू दाता आप ही अपनी दया-मेहर द्वारा करता है.

5. कभी दुख आए जिदंगी मे तो भी हाथ जोड कर शुकर कर लेना क्योकि इसी बहाने आज फिर  सतगुरू ने आपको अपने करीब लाने की कोशिश की  वास्तव में न तो कोई हमारा कुछ बुरा करता है, न हमारे साथ बुरा बर्ताव करता है. जैसा जैसा हमें अपने कर्मों का फल मिलने वाला होता है, परमात्मा हमारे साथ लोगों से उसी के अनुसार व्यवहार करवाता है।  इसलिए हमें कभी किसी को दोष नहीं देना चाहिए.  नियमित रूप से, श्रद्धा प्रेम और भक्ति के साथ, 'भजन सिमरन' करते रहने से, मनुष्य इन बातों से ऊपर उठ जाता है.

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