Saturday 30 November 2019

रूहानी मार्ग की बातें - सत्संग वह आईना है

  1. संत हमेशा यही चाहते है की उसका हर शिष्‍य पहले संतमत को उसके उपदेश को समझने के लिए अपने आप को पुरा वक्‍त दे क्यों की उसको बाद में सारी उम्र उस पर चलना है उसे  अपनी सारी जिन्‍दगी इस रास्‍ते पर ही चलना है इसलिए हर शिष्‍य संतमत को समझने के लिए पुरा समय दे और संतों के उपदेशों को भली-भाँति समझ ले.
  2. जब आप अपने गुरु के चरणों में गिरते हैं तो वह आपके लिए खड़ा होता है, और जब वह आपके लिए खड़ा होता है तो कोई भी ताकत आपके खिलाफ नहीं खड़ी हो सकती है।
  3. आना तो एक सा है हम सबका इस जहाँ में, जाने के रास्ते मगर दो हो जाते है. एक राह फिर से ले जाती है चौरासी की गलियों में,
    एक राह पर जाने वाले इस एक में खो जाते है।  उस के लिए भजन सिमरन किजिए। आज आपने भजन सिमरन को कितना टाइम दिया अपने आप से पूछिए.
  4. सत्संग वह आईना है जहाँ पर सत्संगी अपने अवगुणों को देख कर सुधारने की कोशिश करता है। और उसकी कोशिश ही उसे एक दिन गुरमुख बना देती है ओर हमारा खुद का सुधरना भी किसी सेवा से कम नहीं है। ये भी एक बन्दगी है।
  5. गुरु घर से जुड़ने के बाद भी अगर हम एक दूसरे की बुराई करते हैं एक दूसरे का बुरा करते हैं मन मे बैर रखते है  तो हमसे अच्छे जूते चप्पल हैं जो गुरु घर जाकर जोड़े बन जाते हैं.

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