एक राजा ब्राह्मणों को लंगर में महल के आँगन में भोजन करा रहा था । राजा का रसोईया खुले आँगन में भोजन पका रहा था । उसी समय एक चील अपने पंजे में एक जिंदा साँप को लेकर राजा के महल के उपर से गुजरी । तब पँजों में दबे साँप ने अपनी आत्म-रक्षा में चील से
गुरुबॉक्स चैनल महान संतों और उनकी शिक्षाओं को समर्पित है। गुरुबॉक्स का लक्ष्य लोगों को अधिक भजन और सिमरन/ध्यान के लिए प्रेरित करना है।
Friday 25 May 2018
Thursday 17 May 2018
021 - हमारे विचार कर्मो को कैसे प्रभावित करते हैं ?
बुद्ध ने कहा- "मैं तुम्हें एक कहानी सुनाता हूँ।"
एक राजा हाथी पर बैठकर अपने राज्य का भ्रमण कर रहा था।अचानक वह एक दुकान के सामने रुका और अपने मंत्री से कहा- "मुझे नहीं पता क्यों, पर मैं इस दुकान के स्वामी को फाँसी देना चाहता हूँ।" यह सुनकर
Thursday 10 May 2018
020 - क्रोध में रूह कैसे फैलती है ?
क्रोध में रूह फैलती है। जब क्रोध करो, आँखे लाल सुर्ख़ हो जाती हैं। रोम-रोम खड़ा हो जाता है, चेहरा और ही हो जाता है। यहाँ तक कि आदमी अक़्ल से बेबहरा हो जाता है यानी संतुलन खो बैठता है।
Friday 4 May 2018
019 - हमे कोनसे लोगो की संगत करनी चाहिए ?
परमात्मा अंग संग है रग-रग की जानता है . उन्हे धोखा मत दो गुरूमुखो की संगती करो ताकि यह मन काबू मे आ जाये काम,क्रोध,लोभ,मोह,अंहकार से ऊपर उठ सको. यह मन जो नित नई ख्वाईशे रखता है एक प्रभु को
Saturday 28 April 2018
018 - हमें अपनी करनी का फल क्यों नहीं माँगना चाहिए ?
एक साधु एक शिला (यानी पत्थर) पर बैठा तपस्या कर रहा था। उस साधू ने उस एक पत्थर पर 100 साल तपस्या की। एक दिन जब साधु तपस्या मे बैठा था तब आकाशवाणी हुई की हे साधु हम खुश हैं, मांगो क्या
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