Friday 6 April 2018

015 - हमे कोन से महात्मा के दर्शन करने चाहिए ?

    एक बार का ज़िक्र है, एक महात्मा ने कुछ भजन-बन्दगी की। एक दिन भजन-बंदगी के बाद उसने घोषणा की कि जो मेरे दर्शन करेगा वह सीधा स्वर्ग जायेगा। वह पालकी में बैठकर जा रहा था और स्वर्ग के इच्छुक बेशुमार

Sunday 1 April 2018

014 - सतगुरु और परमात्मा में क्या फ़र्क है ?


सतगुरु  की  महिमा लग्गियाँ ने मौजां !  सदा लाई रक्खीं सोहनेयाँ !! चंगे हां या मंदे हां  निभाई रक्खीं सोहनेयाँ !!

सतगुरु और परमात्मा एक ही है । गुरु परमेश्वर एको जान ।

नानक जी ने कितने साफ़ और सुन्दर लफ्जो में फ़रमाया की सतगुरु और परमात्मा एक ही है दोनों में कोई फर्क नही हैं। साथ में ये भी बताया की गुरु कौन सा ? दुनिया में बहुत सारे गुरुओं की भरमार हैं। बचपन में माँ बाप विद्यालय में शिक्षक और भी दुनिया में और भी 

Thursday 22 March 2018

013 - एक बहरे आदमी ने सत्संग से लाभ कैसे उठया ?



एक बहरे आदमी ने सत्संग से लाभ कैसे उठया ?
एक संत के पास बहरा आदमी सत्संग सुनने आता था। उसके कान तो थे पर वे नाड़ियों से जुड़े नहीं थे। एकदम बहरा, एक शब्द भी सुन नहीं सकता था। किसी ने संत श्री से कहाः "बाबा जी ! वे जो वृद्ध बैठे हैं, वे कथा सुनते सुनते हँसते तो हैं पर वे बहरे हैं।" बहरे मुख्यतः दो बार हँसते हैं – एक तो कथा सुनते-सुनते जब सभी हँसते हैं 

Saturday 10 March 2018

012 - अंतर में कुछ सुनाई या दिखाई क्यों नहीं देता है ?


1 - कोई लोग भजन  में रस न मिलने की शिकायत करते हैं या यह कि अंतर में उनको कुछ नहीं खुला। इसका सबब यह है कि या तो उनका मन वक्त अभ्यास के संसारी चाहों या कामों की गुनावन या ख्याल में लगा रहता है या संसारी काम या उनकी गुनावन करके अभ्यास में  बैठते है या उनको जो कुछ अंतर में सुनाई या दिखाई देता है,  उसकी उनको पहिचान और कदर नहीं है।

Wednesday 7 March 2018

011 - सतगुरु शिष्य की सम्भाल कैसे करते है ?

बड़े हजूर बाबा सावन सिंह जी महराज फरमाया करते थे कि , पूरन सतगुरु नाम दान के दिन से ही शिष्य की सम्भाल करने लगता है। वह एक तरह से शिष्य की साँस बन जाता है। वह फरमाया करते थे गुरु जब नाम देता है, तो शिष्य के अंदर ही बैठता है ।

Wednesday 28 February 2018

010 - क्या आप नर्क की अग्नि से बचना है ?




फरीद जी परमात्मा के सम्पूर्ण भक्त थे। आप चौबीस (24) घण्टे ही बँदगी करते रहते। फरीद जी फरमाते हैं कि रातें बहुत लम्बी हैं, यदि भजन बँदगी न करें तो रात बीतती नहीं। शरीर थक जाता है और पसलियाँ जकड़ जाती हैं। इधर उधर पलट-पलटकर रात्री के बीतने और सूर्य उदय की प्रतीक्षा की जाती है। उनका जीवन धिक्कार योग्य है जो स्वयँ कुछ नहीं करते और बेगानी आस ऊपर जीते हैं।

Friday 16 February 2018

009 - किस वजह से ये इंसान आज बहुत कुछ भुगत रहा ?




एक भक्त ईश्वर से: -  "मुझे जीवन भर सुखशांति चाहिये।"
ईश्वर ने तुरंत हां कर दी।

भक्त......"मुझे परिवार का भी जिंदगी भर सुख चैन चाहिये"।
ईश्वर ने तुरंत हां कर दी।

फिर भक्त..."मुझे अपने रिश्तेदारों की भी सलामती चाहिये।"
ईश्ववर ने हां कर दी।

Friday 9 February 2018

008 - हम सतगुरु की नाम रूपी कृपा ओर दया की कदर क्यों नहीं करते ?

एक बच्चा जब 13 साल का हुआ तो उसके पिता ने उसे एक पुराना कपड़ा देकर उसकी कीमत पूछी। बच्चा बोला 100 रु। तो पिता ने कहा कि इसे बेचकर दो सौ रु लेकर आओ। बच्चे ने उस कपड़े को अच्छे से साफ़ कर धोया और अच्छे से उस कपड़े को फोल्ड लगाकर रख दिया। अगले दिन उसे लेकर वह रेलवे स्टेशन गया, जहां कई घंटों की मेहनत के बाद वह कपड़ा दो सौ रु में बिका।

Wednesday 31 January 2018

007 - सिमरन और ध्यान कैसे करना चाहिए ?

  • कभी रात को नींद खुल जाए तो,बिस्तर पर पड़े हुए नींद न आने के लिए परेशान मत होओ, इस सुनहरे मौके को मत गँवाओ, यह तो बड़ी शुभ घड़ी है।
  • सारा जगत सोया है,पत्नी-बच्चे, सब सोए हैं, प्रभु ने एक मौका दिया है।
  • आराम से चुपचाप बैठ जाओ अपने बिस्तर में ही, रात के सन्नाटे में प्यार से पहले सिमरन करो फिर धुन को सुनो; ये बोलते हुए झींगुर, यह रात की ख़ामोशी, सारा सँसार सोया हुआ

Monday 29 January 2018

006 - तभी हम तीसरे तिल पर कैसे पहुँचेंगे ?







जिस पल हम भजन-सुमिरन का अभ्यास शुरू करते हैं, उसी पल से संतों के बताए मार्ग पर चलना शुरू कर देते हैं। उसी पल से हमारी सारी धारणाएँ पीछे रह जाती हैं। और अनुभव होना शुरू हो जाता है।

Popular Posts