Sunday 19 September 2021

149 - मौत पल पल हमे क्या चेताती रहती है ?



मौत के लिए हर वक्त तैयार रहना चाहिए. एक वकील के घर चित्रगुप्त का दूत यमराज आया और उसे पकड़ कर लेजाने लगा। भौंचक्का होकर वकील यम से बोला भाई आप कौन हो, तो यम बोला में आपकी आत्मा को इस देह से निकलाने आया हूँ याने की आपकी मौत आ गई है। 

वकील यम का हाथ झिडक कर बोला, ना ही तो कोई नोटिस भेजा ना कोई सुचना दी ऐसे मुझे आप लेकर नही जा सकते। तब यमराज बोले आपके बाल सफेद हो गये है बुढ़ापा आ गया है। तब वकील बोला देखो यह छोटे छोटे बच्चे इनके भी बाल सफेद हो गये है। तब यम बोला तुम्हारे दांत टूट गये है, बैठकर ठीक से सहारा लिए बगैर खड़े नही हो सकते, स्मरण शक्ति भी क्षीण होने लगी है, बात बात पर गुस्सा हो जाते हो, हमेशा शिकायत करते हो मुझे कोई सुनता नही, मुझे कोई समझता नही। तब वकील बोला यह तो आम बात है।

तब यम बोला थोड़े महीने पहले तुम्हारी बीवी मर गई, तब तुम श्मशान में सभी को बोल रहे थे बस मुझे भी मौत आ जाये तो ठीक है। जैसे घर आये स्नान किया सब भूल गए और संसार के माया जाल में फंस गए, मैने तो पल पल तुम्हे आने वाली मौत के लिए आगाह किया है l 

पर तुम्ही कुछ समझ नही रहे थे और तो और कुछ ही दिन पहले तुम्हारा जवान बेटा ट्रेन अकस्मात में गुजर गया . उस समय भी तुम बोले थे मुझे नही जीना मर जाना है. कैसे कैसे तुम्हे सम्भाला गया। याने की तुम्हारी भाषा में मै तुम्हे पल पल चेताता रहा.पर तू मानवी ऐसा है की जैसे ही जीने की थोड़ी अनुकूलता देखी की जीना स्वर्ग जैसा लगने लगा, भला सुबह सुबह खांसते खांसते ऊठ्ता है, ठीक से चल नही सकता, लघु शंका का भान नही रहता हो, बड़ी शंका भी कभी कभी बिस्तर पर भी हो जाती है तो भी जीने की जिजीविषा मनुष्य में कम नही होती.

इसीलिए कहा गया है की पहली फुर्सत में ही प्रभु भजले ,मौत कब काल बनकर आएगा और तेरे प्राण पंखेरू ऊड़ जायेगे .कोई तुझे रोक नही सकेगा . नही एक क्षण जिन्दगी का बढ़ा पायेगा। प्रमाद ना कर प्रभु भक्ति में जुड़ जा।

एक दिन बिक जायेगा माट्टी के मोल, जग में रह जायेगे प्यारे तेरे बोल।

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