FATpeople_HealthRisk

Source/Credit - BBC Hindi Health page

मोटे लोगों को दिल से जुड़ी बीमारियों का ख़तरा कितना?

किसी मोटे शख़्स को देखकर ज़्यादातर लोग यही सोचते हैं कि वो खाता ज़्यादा होगा. बीमारी होने के बावजूद मोटापे को गंभीरता से नहीं लिया जाता है लेकिन ये जानलेवा भी हो सकता है.
'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' नाम के टीवी सीरियल में डॉक्टर हाथी का किरदार निभाने वाले कवि कुमार आज़ाद को कौन नहीं जानता. उनका वज़न लगभग 200 किलोग्राम था. 9 जुलाई को उनकी मौत कार्डियक अरेस्ट के चलते हो गई.
तो क्या कार्डियक अरेस्ट का मोटापे से कोई लेना-देना है?
दरअसल, मोटापा अपने आप में तो एक बीमारी है ही लेकिन ये कई दूसरी बीमारियों का कारण भी है और कार्डियक अरेस्ट उनमें से एक है.

कितने लोग हैं प्रभावित ?

मोटापा आज के दौर की सबसे बड़ी स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है. ओबेसिटी फाउंडेशन इंडिया के मुताबिक़, भारत में क़रीब तीन करोड़ लोग मोटापे की परेशानी से जूझ रहे हैं. एक अनुमान के मुताबिक़, आने वाले पांच सालों में ये आंकड़ा दोगुना हो जाएगा.
अमरीका की बात करें तो हर चार में से एक अमरीकी मोटापे से पीड़ित है.
ये भी पढ़ें:
मोटापाइमेज कॉपीरइटPA

तो क्या ओवरवेट होना और मोटापा एक ही चीज़ है?

ओवरवेट होना भी कई तरह का होता है. इसे बॉडी मास इंडेक्स के आधार पर तय किया जाता है. अगर किसी शख़्स का बॉडी मास इंडेक्स 25 से 29.9 है तो डॉक्टरी ज़ुबान में उन्हें ओवरवेट माना जाएगा. वहीं अगर किसी व्यक्ति का बॉडी मास इंडेक्स 30 है तो उन्हें मोटापे की श्रेणी में रखा जाएगा. जैसे-जैसे बॉडी मास इंडेक्स बढ़ता जाता है मोटापे की श्रेणी भी बढ़ती जाती है.
लेकिन अगर कोई ये सोचकर निश्चिंत है कि उसे मोटापा नहीं है और सिर्फ़ उसका वज़न अधिक है तो ये ग़लत है. ओवरवेट होते ही स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानियां शुरू हो जाती हैं. ओवरवेट लोगों को दिल से जुड़ी बीमारियां, स्ट्रोक, डायबिटीज़, कैंसर, यूरिक एसिड बढ़ने की वजह से जोड़ों के दर्द की परेशानी, गॉल-ब्लेडर से जुड़ी परेशानी हो सकती है. ऐसे लोगों को नींद से जुड़ी तकलीफ़ भी हो जाती है.
बॉडी मास इंडेक्स का मक़सद यह बताना है कि कोई व्यक्ति मोटा है, पतला है या सामान्य श्रेणी में आता है. इसकी मदद से पता चलता है कि सही वज़न क्या होना चाहिए. व्यक्ति का वज़न पता कर उनकी लंबाई से भाग दे कर बॉडी मास इंडेक्स (BMI) का आसानी से पता लगाया जा सकता है. यहां ज़रूरी है कि शख्स़ की लंबाई मीटर स्क्वायर में हो.
मोटापाइमेज कॉपीरइटGETTY IMAGES

मोटापा होता कितने तरह का है?

शोधकर्ताओं ने अभी तक छह प्रकार के मोटापे की पहचान की है.
1. आनुवांशिक मोटापा
आपने देखा होगा कि कुछ परिवारों में लगभग सभी लोग मोटे होते हैं. इसकी दो वजहें हो सकती हैं. हो सकता है कि परिवार में खाने-पीने की आदत की वजह से वो मोटे हों या फिर उनका मोटापा आनुवांशिक (जेनेटिक) हो. आनुवांशिक मोटापे से निजात पाना काफ़ी मुश्किल होता है लेकिन डाइट कंट्रोल करके इससे छुटकारा पाया जा सकता है.
मोटापाइमेज कॉपीरइटGETTY IMAGES
2. खाने-पीने से जुड़ा मोटापा
मोटापे का ये सबसे जाना पहचाना प्रकार है. लाइफ़स्टाइल के चलते अक्सर इस वजह से मोटापे की आशंका बढ़ जाती है. ये मोटापे का सबसे सामान्य कारण है वहीं इससे निजात पाना भी सबसे आसान है. डाइट कंट्रोल करके इसे आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है.
मोटापाइमेज कॉपीरइटGETTY IMAGES
3. अनियमितता से जुड़ा मोटापा
कुछ लोग ऐसे होते हैं जिन्हें अपनी भूख और संतुष्टि के बारे में समझ ही नहीं आता. अभी खाना खाए और अभी भूख लग गई. ऐसे लोगों को हर समय खाने की इच्छा होती है और यही मोटापे की वजह बनती है.
4. नर्वस ओबेसिटी
खाना खाने से वैसे तो दिमागी संतुष्टि मिलती है. लेकिन जिन लोगों को मनोवैज्ञानिक दिक्क़त होती है या फिर अवसाद से ग्रसित होते हैं वो खाने के दौरान अपनी ही चिंताओं में लीन रहते हैं. ऐसे में अकसर भूख से ज़्यादा खाना खाते हैं, जिसकी वजह से मोटापे के शिकार हो जाते हैं.
मोटापाइमेज कॉपीरइटGETTY IMAGES
5. हॉर्मोनल ओबेसिटी
हॉर्मोन्स के असंतुलन के चलते भी मोटापा होता है और ये मोटापे का एक प्रकार है.
6.थर्मोजेनिक ओबेसिटी
जितना हम खाते हैं, अगर वो एनर्जी शरीर से बाहर नहीं निकले तो चर्बी के रूप में जमती चली जाती है. ये मोटापे का कारण बनता है.
मोटापा क्यों ख़तरनाक है?
डायटिशियन और वेलनेस एक्सपर्ट डॉक्टर शालिनी मानती हैं कि ओबिसिटी और मोटापा आज के समय की एक बड़ी स्वास्थ्य समस्या है और इसका सीधा संबंध हमारे लाइफ़स्टाइल से है.
वो कहती हैं, "इसमें कोई शक़ नहीं है कि दिल से जुड़ी बीमारियों जैसे कार्डियक अरेस्ट और हार्ट अटैक के पीछे मोटापा एक वजह है. मोटापा बढ़ने के साथ ही बीपी बढ़ने लगता है, मधुमेह हो जाता है, कोलेस्ट्रॉल बढ़ जाता है और इन सबका संयुक्त असर कार्डियक अरेस्ट के रूप में नज़र आता है."
मोटापाइमेज कॉपीरइटGETTY IMAGES
डॉ. शालिनी मानती हैं कि भारतीयों के मौजूदा डाइट में फ़ैट और कार्बोहाइड्रेट की मात्रा बढ़ती जा रही है और प्रोटीन की मात्रा घट रही है, जिसका सीधा असर दिल पर पड़ता है. इसके अलावा शारीरिक व्यायाम कम हो गया है, ऐसे में ख़तरा तो है ही.
ओबिसिटी फाउंडेशन की एक स्टडी के मुताबिक़, 30 से ज़्यादा बीमारियां, मोटापे से जुड़ी हुई हैं, जिनमें गठिया, अनिद्रा, कैंसर और दिल से जुड़ी बीमारियां शामिल हैं.
इन लोगों में आकस्मिक मौत का ख़तरा बढ़ जाता है.
डॉ. शालिनी मानती हैं कि आजकल की ज़्यादातर बीमारियों के लिए मोटापा ही ज़िम्मेदार है और मोटापे के लिए लाइफ़स्टाइल.
अमरीकन कॉलेज ऑफ़ कार्डियोलॉजी में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक, जो लोग मोटापे का शिकार होते हैं या मोटापे से पीड़ित होते हैं उनमें सडन कार्डियक अरेस्ट की आशंका बढ़ जाती है.
ऐसे में सवाल ये उठता है कि मोटापा, दिल को कैसे नुकसान पहुंचाता है और कार्डियक अरेस्ट की वजह बनता है. पर सबसे ज़रूरी ये समझना है कि कार्डियक अरेस्ट है क्या?
सडन कार्डियक अरेस्ट और दिल के दौरे में फ़र्क होता है. दिल का दौरा तब आता है जब दिल को पहुंचने वाले ख़ून में किसी वजह से रुकावट आ जाए. वहीं कार्डिएक अरेस्ट में किसी गड़बड़ी की वजह से दिल अचानक काम करना बंद कर देता है.
इस स्थिति में व्यक्ति बेहोश हो जाता है, सांस चलनी बंद हो जाती है और अगर तुरंत मदद न मिले तो जान भी जा सकती है.
मोटापा

मोटापे से कैसे जुड़ा हुआ है कार्डियक अरेस्ट ?

दिल्ली के साकेत स्थित मैक्स अस्पताल में कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट के प्रमुख डॉक्टर विवेका कुमार के अनुसार मोटापा, सडन कार्डियक अरेस्ट की एक वजह हो सकता है.
"मोटापे के चलते कोलेस्ट्रॉल बढ़ जाता है जो सडन कार्डियक अरेस्ट की वजह बनता है. जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है ख़तरा बढ़ता जाता है."
लेकिन इसका उपाय क्या है?
डॉक्टर विवेका कुमार का मानना है कि कि इलाज से कहीं बेहतर है कि शुरू से ही सावधानी बरती जाए. "जैसे ही वज़न 4 या 5 किलो बढ़े, खुद को लेकर सतर्क हो जाएं क्योंकि अगर एक बार मोटापा बढ़ गया तो उसे कम करना बहुत मुश्किल हो जाता है. इसलिए शुरू से ही ध्यान दें."
डॉक्टर कुमार के अनुसार,
- खाने-पीने में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा का संतुलन होना ज़रूरी है.
- खाने में फल, सलाद की मात्रा ज़रूर रखें.
- नियमित एक्सरसाइज़ करें.
उन्होंने बताया कि ये आदतें सिर्फ़ दिल को ही स्वस्थ नहीं रखतीं बल्कि कई दूसरी बीमारियों से भी सुरक्षित रखती हैं.
मोटापाइमेज कॉपीरइटGETTY IMAGES
रोज़ व्यायाम करके शरीर का एक्स्ट्रा फ़ैट बर्न किया जा सकता है और कोलेस्ट्रॉल लेवल नियंत्रित रहता है. लेकिन मोटापे की समस्या बड़ी है तो डॉक्टर की सलाह से मेडिकल ट्रीटमेंट सही रहेगा. वैसे जिन लोगों को आनुवांशिक मोटापा होता है उन्हें भी इसकी सलाह दी जाती है.
https://www.bbc.com/hindi/india-44803937

No comments:

Post a Comment

Popular Posts