उसी पल से वह उसे आदर्श इंसान बनाने के लिये उस से प्रेम करना शुरू कर देता है और उसकी तब तक संभाल करता है, जब तक कि वह उसे प्रभु की गोद में नहीं पहुंचा देता। उसे वह उस वक्त तक एक पल के लिए भी नहीं छोड़ता दया का भण्डार होने के कारण ही वह अपनी दया से उसे
अपना रूहानी जीवन –दान दे कर पालता है। आपको चाहिए की आप उस पर भरोसा बनाये रखें और उसका हुक़्म माने ,बाकी उसका काम है।.
Yes we need to focus on simran and rest will be taken care by Satguru
ReplyDelete