Sunday 30 May 2021

139 - रूह पर किसका हुकम चलता है ?

 


सिमरन सिमरन सब करे,  
सिमरन करे ना कोए।

जो तन मन से सिमरन करे, वो ही सतगुरु का होए।

Saturday 22 May 2021

138 - शब्द का खुलना और शब्द से जुड़ना का क्या मतलब है ?

सिमरन करने वाला मनुष्य खुद को कभी अकेला या असहाय अनुभव नहीं करता क्योकि अब उसके साथ परमात्मा खड़ा होता है। सिमरन बेकार कभी नहीं जाता। सत्य तो केवल यही है कि परमात्मा की

Saturday 17 April 2021

137 - सत्संग की अथवा मालिक की बातें करने का क्या अर्थ है ?

परमात्मा का कोई धमॆ नही होता. मौन के क्षणों मे आप जहां बैठ गए वही तीथॆ बन जाते है. वही परमात्मा नाचने लगता है. मौन होना सीखें, यह मौन ही ध्यान है इसी ध्यान के क्षण मे आप परमात्मा

Saturday 3 April 2021

136 - मालिक हमे दुःख क्या देता है ?

मालिक दुख उसे ही देता है जिसे अपने करीब लाना चाहता है.  प्रभु ये दुःख भी तेरी किरपा है जो मुझे तेरी याद दिलाते है.

Friday 26 March 2021

135 - भजन और भोजन की क्या महत्वता है ?

एक भिखारी सेठ के घर के बाहर खड़ा होकर भजन गा रहा था और बदले में खाने को रोटी मांग रहा था। सेठानी काफी देर से उसको कह रही थी,आ रही हूँ। रोटी हाथ मे थी पर फिर भी कह रही थी की

Saturday 20 March 2021

134 - ईमानदारी से अपनी बारी की प्रतीक्षा करने का फल कैसा होता है ?

एक  बार  स्वर्ग  से  घोषणा हुई  कि  भगवान  सेब  बॉटने आ  रहे  है  सभी  लोग भगवान  के  प्रसाद  के  लिए तैयार  हो  कर  लाइन लगा कर  खड़े  हो  गए।

Friday 5 March 2021

133 - जीवन कितना है ?

एक बार गुरु नानकदेवजी ने बाले और मर्दाने से पूछा था -

 जीवन  कितना  है ?

Saturday 27 February 2021

132 - सिमरन और ध्यान कैसे करना चाहिए ?

 कभी रात को नींद खुल जाए तो, बिस्तर पर पड़े हुए नींद न आने के लिए परेशान न होंए, इस सुनहरे मौके को मत गँवाओ, यह तो बड़ी शुभ घड़ी है। सारा जगत सोया है, पत्नी/पति,बच्चे सब सोए हैं,

Sunday 21 February 2021

131 - जीव मन को वश में क्यों नहीं करता ?

संत मलूकदास जी चेतावनी देते हैं कि अज्ञानी लोग इंद्रियों के भोगों को सच्चे सुख का साधन समझने के भ्रम का शिकार है । ये सुख क्षणभंगुर है और जीव की शक्ति को नाश करने का कारण बन जाते

Sunday 14 February 2021

130 - सेवा भाव से की गयी गलती की क्या सजा होती है ?

 एक बार एक राजा भोजन कर रहा था, अचानक खाना परोस रहे सेवक के हाथ से थोड़ी सी सब्जी राजा के कपड़ों पर छलक गई। राजा की त्यौरियां चढ़ गयीं। 

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