Sunday 21 February 2021

131 - जीव मन को वश में क्यों नहीं करता ?

संत मलूकदास जी चेतावनी देते हैं कि अज्ञानी लोग इंद्रियों के भोगों को सच्चे सुख का साधन समझने के भ्रम का शिकार है । ये सुख क्षणभंगुर है और जीव की शक्ति को नाश करने का कारण बन जाते

Sunday 14 February 2021

130 - सेवा भाव से की गयी गलती की क्या सजा होती है ?

 एक बार एक राजा भोजन कर रहा था, अचानक खाना परोस रहे सेवक के हाथ से थोड़ी सी सब्जी राजा के कपड़ों पर छलक गई। राजा की त्यौरियां चढ़ गयीं। 

Thursday 4 February 2021

129 - भजन सिमरन के बिना मुक्ति क्यों नहीं होती ?

एक बार 'नाम' का बीज सत्संगी को मिल जाता है, तो वह अवश्य अंकुरित होगा. अगर सत्संगी को नाम मिला हुआ हो, और भजन सुमिरन नहीं करता है, तो मालिक उसे दूसरा जन्म देंगे, और अगले

Friday 15 January 2021

128 - भजन सिमरन में बैठने का सही तरीका क्या है ?

 जब मालिक के भजन सिमरन में बैठते है तो हमे अपनी पूरी सुरति उनके दिव्य दर्शन पर केंद्रित करनी चाहिए । हम भजन में बैठे कर, करबद्ध हो कर मालिक का नैन मूँद कर आवाहन करते है और वह आ

Monday 4 January 2021

127 - सत्संगी के नए साल का क्या संकल्प होना चाहिए ?

बाहर वाले गुरु देखे , अब अपने अन्दर वाला सच्चा गुरु भी देख। 

Friday 25 December 2020

126 - मन को वश में करने का क्या मतलब है ?

दुनिया की  शक्लों और पदार्थों से कौन प्यार किए बैठा है वह हमारा मन है। इसलिए अगर आत्मा और परमात्मा के दरमियान कोई रुकावट और पर्दा है तो वह केवल हमारे मन का पर्दा है।

Saturday 19 December 2020

125 - सच्चा तीर्थ क्या होता है ?

बात बहुत पुरानी है. तब तीर्थ यात्रा आज की तरह वैचारिक न हो कर भावनात्मक हुआ करती थी पर कठिन भी बहुत होती थी. तब आज की तरह साधन तो थे नहीं. यात्रा पैदल या बैल गाड़ी से ही होती थी.

Tuesday 15 December 2020

124 - मन में निम्रता कैसे आयेगी ?

मालिक  हमसे  ज्यादा  दूर  नहीं  जितना  हम  समझ  कर  बैठे  है।  मालिक  तो  हमेशा  हमारे  साथ  ही  है  लेकिन  हम  उसे  नहीं  देख  पाते  लेकिन  मालिक  हमें  चौबीस  घंटे  देख  रहा  हैं 

Sunday 6 December 2020

123 - काल मन को कैसे जाल में फसाता है ?

एक सत्संग कर्ता ने काल और दयाल के बारे में समझाया, आखरी वाली लाइन बड़ी सुन्दर थी। जब रूह सत्संग में जाने लगती है, भजन सिमरन पर जोर देने लगती है नाम की कमाई करने लग जाती है तब

Sunday 29 November 2020

122 - एक छोटे से बच्चे ने राजा को ज्ञान की बात समझाई ?

एक बार एक राजा नगर भ्रमण को गया, तो रास्ते में क्या देखता है कि एक छोटा सा बच्चा माटी के खिलौनों के कान में कुछ कहता है और फिर उन्हें तोड़कर माटी में मिला देता है।

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